प्रधानाध्यापक वरीयता निर्धारण—बिहार सरकार का विस्तृत नियम 2025
📢 बिहार सरकार शिक्षा विभाग द्वारा प्रधानाध्यापक/प्रभारी प्रधानाध्यापक हेतु वरीयता निर्धारण (आदेश संख्या 4206, दिनांक 22/11/2025)
शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश — जानिए किसे मिलेगी प्रभारी प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी!
🔷 मुख्य सिद्धांत
1️⃣ सहायक शिक्षक (मरणोपरांत संवर्ग) को सर्वोच्च वरीयता प्रदान की जाएगी।
2️⃣ इनके बाद स्थानीय निकाय/विशेष/विद्यालय शिक्षक क्रम में वरीय माने जाएंगे।
सरल शब्दों में: किसी विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक की नियुक्ति में सबसे पहले मरणोपरांत संवर्ग के सहायक शिक्षक को मौका मिलेगा।
🔷 टाई-ब्रेकर नियम (यदि दो या अधिक शिक्षक समान रूप से पात्र हों):
🔹 पहला आधार: जिसकी जन्म तिथि पुरानी होगी (अधिक उम्र), वह वरीय।
🔹 दूसरा आधार: यदि जन्म तिथि समान हो तो अंग्रेजी वर्णमाला में नाम पहले आने वाले शिक्षक को वरीयता।
🏫 1. प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1–5)
✔ चरण 1:
👉 क्या विद्यालय में सहायक शिक्षक (मरणोपरांत संवर्ग) हैं?
- हाँ → उन्हें ही प्रभारी का दायित्व दिया जाएगा।
- नहीं → अन्य शिक्षकों की जाँच की जाएगी।
✔ चरण 2:
👉 पात्रता: कक्षा 1–5 में न्यूनतम 8 वर्षों का अनुभव
इन शिक्षकों में जो सबसे वरीय होगा, उसे प्रभारी प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी दी जाएगी।
🏫 2. मध्य विद्यालय (कक्षा 6–8)
✔ चरण 1:
👉 यदि सहायक शिक्षक (मरणोपरांत संवर्ग) उपलब्ध हों → सीधे प्रभारी होंगे।
✔ चरण 2:
👉 यदि नहीं — तो कक्षा 6–8 के शिक्षकों की जाँच:
- पात्रता: 4 वर्ष का प्रशिक्षण प्राप्त अनुभव
- इनमें जो सबसे वरीय होगा, उसे प्रभारी बनाया जाएगा।
✔ चरण 3:
👉 यदि योग्य 6–8 शिक्षक न मिलें—
तो कक्षा 1–5 के शिक्षकों की जाँच होगी:
- पात्रता: 8 वर्ष का अनुभव
- इनमें से सबसे वरीय शिक्षक को प्रभारी चुना जाएगा।
🏫 3. माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 9–12)
✔ चरण 1:
👉 यदि सहायक शिक्षक (मरणोपरांत संवर्ग) उपलब्ध हैं → उन्हें ही प्रभारी बनाया जाएगा।
✔ चरण 2:
👉 अन्य शिक्षकों में जाँच:
- माध्यमिक (9–10) शिक्षकों हेतु: न्यूनतम 8 वर्ष का अनुभव
- उच्च माध्यमिक (11–12) शिक्षकों हेतु: 4 वर्ष का अनुभव
✔ विशेष नियम:
यदि एक ही विद्यालय में दोनों वर्ग (9–10 और 11–12) के योग्य शिक्षक मौजूद हों—
👉 उच्च माध्यमिक शिक्षक को वरीयता दी जाएगी।
🔷 अंतिम निर्णय कैसे होगा?
सभी स्तरों पर अंततः जो शिक्षक नियमों के अनुसार सर्वाधिक वरीय होगा, वही प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जाएगा। यदि दो शिक्षक समान रूप से पात्र हों, तो टाई-ब्रेकर के नियम लागू होंगे।
👉 PDF वरीयता निर्धारण आदेश संख्या 4206, दिनांक 22/11/2025
नियोजित के रूप में जो मूल वेतन था उससे कम वेतन BPSC शिक्षक बनने पर यदि हो तो उनके वेतन को अगले स्लैब में निर्धारित किया जाएगा। जिससे वेतन संरक्षित रहेगा।
8 वर्ष के सेवा के आधार पर अगले ग्रेड में प्रमोशन के लिए नियोजित के रूप में किए गए सेवा की गणना की जाएगी।
- इस नियम से 1-5 के शिक्षक 8 वर्षों के सेवा पूर्ण करने पर 6-8
- 6-8 के वरीय 6 से 8
- 9-10 के 11 से 12
- 11-12 के वरीय 11 से 12 में प्रोन्नति किए जाएंगे।
📚 यह नियम शिक्षकों में पारदर्शिता व स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं।
आप अपने विद्यालय के स्तर के अनुसार आसानी से समझ सकते हैं कि प्रभारी बनाने में किसे कितनी प्राथमिकता दी जाएगी।
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