बिहार शिक्षा विभाग प्रेस नोट 23 दिसंबर 2025: प्रमुख घोषणाएँ और योजनाएँ
- 1. शिक्षा विभाग का मिशन
- 2. शिक्षा पर व्यय में वृद्धि
- 3. ‘सात निश्चय–3’ के तहत पहल
- 4. शिक्षक नियुक्ति और प्रमोशन
- 5. शिक्षक दक्षता परीक्षा
- 6. शैक्षणिक व्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव
- 7. साक्षरता, FLN और MDM
- 8. छात्रवृत्ति एवं मुख्यमंत्री योजनाएँ
- 9. KGBV और PM-SHRI विद्यालय
- 10. डिजिटल शिक्षा, लैब और स्मार्ट क्लास
- 11. उच्च शिक्षा, Samarth ERP और INFLIBNET
- 12. निष्कर्ष: सशक्त बिहार की ओर
संक्षिप्त सार
बिहार शिक्षा विभाग का मिशन है कि हर विद्यार्थी को गुणात्मक, समावेशी और कौशल आधारित शिक्षा मिले, जिससे राज्य को ज्ञान आधारित और नवाचार केंद्रित प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित किया जा सके। [file:1]
इस प्रेस नोट में विद्यालयों के विस्तार, शिक्षक नियुक्ति, छात्रवृत्तियाँ, आधारभूत संरचना, डिजिटल शिक्षा, KGBV, PM-SHRI, एवं उच्च शिक्षा से जुड़ी प्रमुख उपलब्धियों और नई पहल का विवरण दिया गया है। [file:1]
शिक्षा विभाग का मिशन
शिक्षा विभाग, बिहार का उद्देश्य राज्य के हर बच्चे को सुगम, गुणात्मक, लिंग-समानता आधारित और समावेशी शिक्षा उपलब्ध कराकर मानव संसाधन विकास तथा ज्ञान, कौशल और नवाचार पर आधारित प्रगतिशील राज्य का निर्माण करना है। [file:1]
शिक्षा पर व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि
वर्ष 2005 : लगभग 4,341 करोड़ रुपये का व्यय शिक्षा पर किया गया। [file:1]
वर्ष 2025 : शिक्षा पर व्यय बढ़कर लगभग 72,652.44 करोड़ रुपये हो गया है। [file:1]
पिछले दो दशकों में सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में लगातार निवेश से विद्यालयों, शिक्षकों, छात्रवृत्ति योजनाओं और डिजिटल अवसंरचना में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है। [file:1]
‘सात निश्चय–3’ के तहत प्रमुख कदम
- हर प्रखंड में एक मॉडल विद्यालय (विकसित उच्च विद्यालय) की स्थापना, ताकि स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा उपलब्ध हो सके। [file:1]
- जिन प्रखंडों में अभी डिग्री कॉलेज नहीं हैं, वहाँ नए डिग्री कॉलेज खोले जा रहे हैं। [file:1]
- नए उच्च शिक्षा विभाग का गठन एवं उससे संबंधित अधिसूचनाएँ तथा पदों के सृजन की प्रक्रियाएँ जारी हैं। [file:1]
- पुराने स्नातक महाविद्यालयों को “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” के रूप में विकसित करने के लिए चयन प्रक्रिया जारी है। [file:1]
- राज्य में एक नए “एजुकेशन सिटी” की स्थापना के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। [file:1]
शिक्षक नियुक्ति और प्रमोशन
- सरकारी विद्यालयों में बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से तीन चरणों में कुल लगभग 2,27,195 विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति की जा चुकी है। [file:1]
- 28,748 प्रधान शिक्षक और 4,699 प्राचार्यों की नियुक्ति की गई है, जिससे विद्यालयों के शैक्षणिक नेतृत्व को मजबूती मिली है। [file:1]
- प्राथमिक से उच्च माध्यमिक विद्यालयों में मृत आश्रितों की नियुक्ति हेतु नियमावली-2025 के तहत 5,614 नियुक्तियाँ की गई हैं। [file:1]
- नई पदों पर चल रही नियुक्ति प्रक्रियाओं में सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारी (935 पद) और विशेष विद्यालय शिक्षक (7,279 पद) के लिए विज्ञापन BPSC को प्रेषित हैं। [file:1]
स्थानीय निकाय शिक्षक दक्षता परीक्षा
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा अब तक चार चरणों में स्थानीय निकाय शिक्षकों की दक्षता परीक्षा आयोजित की गई है, जिसमें कुल 3,19,747 अभ्यर्थी शामिल हुए और 2,66,786 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। [file:1]
पाँचवें चरण की दक्षता परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन 31 दिसंबर 2025 से 9 जनवरी 2026 तक आमंत्रित किए जा रहे हैं। [file:1]
शैक्षणिक व्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव
- 2005 से 2024 के बीच स्कूल शिक्षकों की संख्या में लगभग 187 प्रतिशत की वृद्धि होकर संख्या 2.04 लाख से बढ़कर 5.87 लाख हो गई है। [file:1]
- छात्र–शिक्षक अनुपात 2005 में 65:1 से सुधरकर 2025 में लगभग 29:1 तक आ गया है। [file:1]
- स्कूल से बाहर बच्चों की संख्या 2005 के लगभग 12% से घटकर 2024 में 1% से भी कम रह गई है। [file:1]
साक्षरता, FLN और मध्याह्न भोजन
2001, 2011 और 2023 की जनगणना व सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में साक्षरता दर में निरंतर सुधार हुआ है, विशेषकर बालिकाओं की साक्षरता में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। [file:1]
मध्याह्न भोजन (MDM) योजना के तहत 68,814 स्कूलों में प्रतिदिन लगभग 9.7 करोड़ विद्यार्थियों को पोषाहार प्रदान किया जा रहा है, जिससे नामांकन और उपस्थिति दोनों में सुधार हुआ है। [file:1]
‘निपुण भारत–फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी’ कार्यक्रम के तहत कक्षा 3 तक के सभी बच्चों में हिंदी और गणित की बुनियादी दक्षताएँ वर्ष 2026–27 तक सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है। [file:1]
मुख्यमंत्री योजनाएँ और छात्रवृत्तियाँ (2025-26)
| क्रम | योजना का नाम | प्रति छात्र राशि | कुल लाभार्थी | भुगतानित लाभार्थी | कुल भुगतान (₹ करोड़) |
|---|---|---|---|---|---|
| 1 | मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना (स्नातक) | 50,000 [file:1] | 1,98,000 [file:1] | 1,98,000 [file:1] | 990.00 [file:1] |
| 2 | मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना (इंटरमीडिएट) | 25,000 [file:1] | 5,71,694 [file:1] | 4,55,714 [file:1] | 1,139.29 [file:1] |
| 3 | मुख्यमंत्री बालिका/बालक प्रोत्साहन योजना (मैट्रिक) | 10,000 [file:1] | 1,14,258 [file:1] | 92,002 [file:1] | 92.00 [file:1] |
| 4 | किशोरी स्वास्थ्य योजना | 300 [file:1] | 29,12,465 [file:1] | 24,50,542 [file:1] | 73.52 [file:1] |
| 5 | मुख्यमंत्री बालक पोशाक योजना (SC/ST/BPL, कक्षा 1–8) | 600–700 [file:1] | 31,43,228 [file:1] | 28,34,691 [file:1] | 179.49 [file:1] |
| 6 | मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना (कक्षा 1–8) | वर्गानुसार [file:1] | 49,96,707 [file:1] | 41,33,476 [file:1] | 326.52 [file:1] |
| 7 | मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना (कक्षा 9–12) | 1,500 [file:1] | 16,85,592 [file:1] | 13,59,950 [file:1] | 203.99 [file:1] |
| 8 | मुख्यमंत्री साइकिल योजना | 3,000 [file:1] | 8,76,581 [file:1] | 7,44,401 [file:1] | 223.32 [file:1] |
| 9 | सामान्य छात्रवृत्ति (कक्षा 1–8) | वर्गानुसार [file:1] | 8,70,413 [file:1] | 5,94,767 [file:1] | 103.50 [file:1] |
| कुल भुगतान : लगभग ₹ 4,663.28 करोड़ (सभी योजनाएँ मिलाकर) [file:1] | |||||
उपरोक्त आँकड़े 22 दिसंबर 2025 तक के हैं और बिहार शिक्षा विभाग के आधिकारिक प्रेस नोट पर आधारित हैं। [file:1]
KGBV और PM-SHRI विद्यालय
- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) के Type-I, III और IV छात्रावासों में हजारों छात्राओं के लिए निःशुल्क आवासीय शिक्षा की व्यवस्था की गई है। [file:1]
- राज्य में कुल 390 KGBV Type-I, 145 Type-III और 139 Type-IV छात्रावास स्वीकृत हैं, जिनमें बड़ी संख्या में बालिकाएँ नामांकित हैं। [file:1]
- PM-SHRI योजना के तहत बिहार के 836 विद्यालय (47 प्राथमिक और 789 उच्च/उच्चतर माध्यमिक विद्यालय) भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। [file:1]
डिजिटल शिक्षा, लैब और स्मार्ट क्लास
- राज्य के 1,203 प्राथमिक और 784 उच्च/उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों (कुल 1,987) में ICT Lab (BOOT मॉडल) संचालित हैं तथा 2,739 प्राथमिक विद्यालयों में 5,478 स्मार्ट क्लास स्थापित हैं। [file:1]
- वित्तीय वर्ष 2025–26 में 5,277 विद्यालयों में नए ICT Lab और 6,113 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अतिरिक्त स्मार्ट क्लास स्थापित किए जा रहे हैं। [file:1]
- 2024–25 में 4,621 विद्यालयों में इंटीग्रेटेड साइंस लैब तथा 76 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वर्चुअल लैब और रोबोटिक्स लैब की स्थापना की गई है। [file:1]
उच्च शिक्षा और Samarth ERP
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए अधिकतम 4 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्रबंधन जैसे पाठ्यक्रम भी शामिल हैं। [file:1]
‘समर्थ ERP’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश, परीक्षा, परिणाम, वेतन, छात्रवृत्ति और प्रशासनिक कार्यों को पूरी तरह डिजिटल किया जा रहा है। [file:1]
INFLIBNET और “One Nation One Subscription (ONOS)” के माध्यम से 13,000 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं की ऑनलाइन उपलब्धता से विद्यार्थियों और शोधार्थियों को बड़ा लाभ मिल रहा है। [file:1]
निष्कर्ष: सशक्त बिहार की ओर
प्रेस नोट 23 दिसंबर 2025 से स्पष्ट होता है कि बिहार सरकार ने स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक शिक्षा के हर स्तर पर संरचना, मानव संसाधन, छात्रवृत्ति, डिजिटल साधन और आवासीय सुविधाओं को मज़बूत करने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं। [file:1]
यदि इन पहलों का प्रभावी क्रियान्वयन इसी गति से जारी रहा, तो आने वाले वर्षों में शिक्षा, कौशल और रोजगार के क्षेत्र में बिहार देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सकता है। [file:1]
